माँ ... मै तो तेरी बेटी हूँ ....माँ ...... फिर क्यों नही तू मुझको समझती.....माँ ... तेरी गोदी में सिर रख के सोना चाहती हूँ ....माँ... एक बार तो मेरे सिर पे हाथ रख दो .... माँ... मुझे कोई सुख नही चाहिये...और न हीं कोई हँसी... मुझे तो बस दुःख की इच्छा है ... ...माँ...... जिससे तू मेरे साथ रहेगी न ....माँ..... बस एक बार तो प्यार से पुकार लो..... माँ.... एक बार तो मुझसे बाते कर लो ..... माँ.... एक बच्चे की तरह तुझसे लिपटना चाहती हु... माँ... एक बार तो अपने हाथ बड़ा लो ..... माँ..... मैं कब से तेरा रास्ता देख रही हूँ ... माँ... मेरे कदम अपनी और ले लो..... माँ..... ...माँ.....
इच्छाशक्ति ...!!!