आ चल एक कदम और चलते है । दूर डगर नापने की बात करते है ॥ फूलो को हाथो में समेट, पानी से आकाश की रंगोली भरते है।। एक कदम और चलते है ।। आ मिल शाम को भोर बनाये। आ मिल जोर से शौर मचाये ॥ सुरों को धुनों की मिटटी से मलते है , आ चल एक कदम और चलते है ।। ..................... साथ चलते है ॥
इच्छाशक्ति ...!!!