मैं तो तेरी पुजारिन हूँ प्रभु, न जानू मैं तेरा पूजन....! न उपासना का ज्ञान मुझे, जानू तो बस तेरा सिमरन ....!! हर पलछिन तेरा नाम जपु मैं, करू मैं तेरा चिंतन....! फिर क्यों फासे कष्ट जाल में देके मुझको जीवन....!! कैसे प्रभु तुम मेरे जो उद्धार न सको मेरा मन ....! कैसे पाप किये मेने जो कर न सको तुम नियोजन .....!! न मंगू मैं वैभव सुख का, न मांगू धन का लोभन....! मांगू इतने कष्ट में तुझसे घिस घिस बन जाऊ में कुंदन....!! तुझसे इतनी आस करू मैं भर दो दुख से दामन ....! न इच्छा हसने की मुझको, रोऊ मैं भर-भर अखियन.....!! तेरी भक्ति को कर्म मनु मैं करू तुझको जीवन अर्पण...! मैं तो तेरी पुजारिन हूँ प्रभु, करू मैं तुझको नमन.....!!
इच्छाशक्ति ...!!!