जरा उड़ान क्या भरी मेरे मन ने की लोग कहने लगे .. नादान लड़की क्या तुझे शर्म नहीं आती। लड़की है तू संभल जा तो पूछती हूँ मैं भी इन समझदारो से, गला जब तुम मेरी खुशियों का घोटते हो तो क्या तुम्हे शर्म नहीं आती , शर्म है क्या कोई बताये इन्हें भी जो इल्जाम बेशर्मी का लगाते हैं लड़की को जब तड़पाते हैं तब तमाशा देखने में ये ही आगे हैं। और शर्म हैं क्या मुझे सिखाते हैं। जाओ पहले देखो अपने अन्दर .. बंद करके कहना शर्म नहीं आती शर्म नहीं आती। By Santoshi Rawat. TGT Science Teacher New Delhi
इच्छाशक्ति ...!!!