आज हवा को पिंजरे में कैद कर लिया मैंने आज खुशबू को मिटटी में बिखेर दिया मैंने... करनी थी चाँद से दो बात.... तो आज चाँद को भी पानी मैं उतार लिया मैंने... यूँ चले रहो में.. की आज रास्ते ने खुद ही अपने कदम बढा लिए. देखा राह को मंजिल के साथ ... तो आज मंजिल को अपने कदमो से बांध लिया मैंने यूँ आज आहट थी सुबाह.. एक ही दस्तक से दरवाजे खोल दिए... देखा खुशियों को सुबाह के हाथ... तो आज खुशियों से दिल को सजा लिया मैंने... यूँ ढूंडा था जिसे मेने बरसो तक.. उसने आज खुद ही अपने हाथ बड़ा दिए.. देखा ख़ुशी को उसकी ख़ुशी के साथ .... तो आज आंसू और मुस्कान को साथ पा लिया मेने.. Be Happy Always..... :-)
इच्छाशक्ति ...!!!